*कुछ तकलीफें हैं, मतलब आप जिन्दगी को और मजबूत बनाने की ओर अग्रसर हो*
आपने जिस सपने को पाला है उसे अपनी कर्मभूमि रूपी खेत में बो दीजिए। रोजाना उसमें उतना पानी डालिए कि पानी की नमीं आपके सपने वाले बीज तक पहुँचे जरूर। आसपास आलस्य और नकारात्मकता की खरपतवार उगे तो तुरन्त उसे उखाड़ दें। कष्ट रूपी धूप को आने दो। सतर्क निगरानी रखो, आपका बोया पौधा एक विशाल वृक्ष बनेगा। बस, एक सजग, सचेतन तथा आशावादी शुरुआत जरूरी है। सपना जितना छोटा या बड़ा हो, धैर्य का स्तर भी उसी रूप में हमारे भीतर हो।
मान के चलो कि आपने अगर बड़े सपने पाले हैं तो सफल होने तक आपको तकलीफों के एक दौर से गुजरना पड़ेगा। यह भी सच है कि बिना तकलीफों के कोई सफल हुआ भी नहीं है और कोई हुआ है तो उसकी सफलता क्षणभंगुर है या वह सफलता निरानन्द है। कुँवर बैचेन साहब की ये पंक्तियां अक्सर ऊर्जा देती हैं।
चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया
पत्थर को बुत की शक्ल में लाने का शुक्रिया
जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए
ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया
सूखा पुराना ज़ख्म नए को जगह मिली
स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया
किसी सुकरात जैसे दार्शनिक को आप कोई पोस्टकार्ड दो और कहो कि लाल डिब्बे में पोस्ट कर देना। मुझे पूरा यकीन है कि कुछ कदमों बाद वह पत्रवाहक आपका पत्र पोस्ट करना भूल जायेगा क्योंकि उनके मस्तिष्क में विचारों के कई और भी झरने बह रहे हैं। दुनियां जिस व्यक्ति को भुलक्कड कह रही होती है वह धीरे धीरे अपना एक अद्भुत संसार बना रहा होता है। लेकिन हज़ारों विचारों का मस्तिष्क में यह संघर्ष एन्द्रीयक सुखों में डूबे रहते तो मुश्किल है।
दुनियां में सबसे सफल वह इंसान है जिसे खुद पर जबरदस्त भरोसा है। थॉमस अल्वा एडिसन लगभग 70 प्रतिशत बहरे थे लेकिन हमारे संवाद की दुनियां की 'सनसनी' तो वह बने ही है।
न्यूटन का जीवन कई तकलीफों से गुजरा। माँ ने एक बार तो खेती के काम में लगा दिया लेकिन खेत में भी 'गिरता हुआ सेब' उनको कक्षा कक्ष का ही एक पार्ट लगा। कुछ अद्भुत करने वाले मस्तिष्क में बाहर दिखने वाली दुनियां से भी बड़ी दुनियां फल फूल रही होती है।
तलवार को धार दोगे तो उसे घिसने की तकलीफों से गुजरना पड़ेगा। शरीर का सौष्ठव हासिल करना है तो योग एवं व्यायाम की तकलीफों से गुजरना पड़ेगा। किताबें पढ़ते पढ़ते आंखों की जलन और दोस्तों की मौज मस्ती से वैराग्य तकलीफ भरा तो है मगर उससे आप एक अन्य साम्राज्य बना रहे होते है जिसे आप जीतोगे ही।
कई बार परिणाम मनचाहा नहीं मिलता है। लेकिन आप अगर मजबूत है, धैर्यवान है, वेगवान है, आशावादी है, अपने पर अटूट भरोसा रखते है तो बहुत जल्द आपको उस खिलौने से बड़ा खिलौना मिलने वाला है जिसके लिए अभी अभी आपका दिल टूटा है।
कष्ट वाले मार्ग कठिन है लेकिन उन पर जो भूतकाल में चला है, वह कहीं भी चले; उसके लिए रास्ते खुद ही अदब से झुक जाते है या अवरोधन हटा देते हैं।
*योग गुरू - डॉ. मिलिंद्र त्रिपाठी 🧘🏻♂️*
(आरोग योग संकल्प केंद्र)