परीक्षा के तनाव को दूर भगाएं नियमित योग अपनाएं

परीक्षा के तनाव को दूर भगाएं नियमित योग अपनाएं -:

पत्रिका अखबार में प्रकाशित 6 फरवरी 2024
 

फरवरी के माह में स्कूल की परीक्षाओं से लेकर बोर्ड एग्जाम का सिलसिला शुरू हो चुका है । 
परीक्षाओं के दौरान बच्चों में स्ट्रेस से लेकर और भी कई समस्याएं देखने को मिलती है । 
यह तनाव अच्छा प्रदर्शन करने के दबाव व खुद या दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करने के भय का परिणाम होता है। मेंटल हेल्थ के लिए भी योग बहुत जरूरी होता है । योग पूर्ण संतुलन का मूल सिद्धांत है । योग से आपका शरीर और दिमाग सक्रिय होते है । योग में श्वास का प्रश्वास का बहुत महत्व है । श्वास का संबंध मन से है। जब मन उत्तेजित होता है तो श्वास छोटी, गर्म और तेज होती है। जब मन शांत होता है तो श्वास लंबी और धीमी होती है। साँस जितनी गहरी होगी, शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति उतनी अधिक होती है । मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति जितनी अधिक होगी, वह अधिक कुशलता से काम करता है। सभी आगे झुकने वाले योग आसन मस्तिष्क क्षेत्र में अधिक रक्त प्रवाहित करते हैं और साथ ही लंबी गहरी सांस लेने से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप दिमाग अधिक आराम, तेज और केंद्रित होता है । 


तनाव को दूर करने के लिए आप ये 12 योगासन कर सकते हैं -: 

ताड़ासन,भुजंगासन,पर्वतासन,पवनमुक्तासन,नौकासन,पश्चिमोत्तानासन,पादहस्तासन ,पद्मासन, बालासन,उत्तानासन,सेतु बंधासन,शवासन 

महत्वपूर्ण बिंदु -: 

अपनी पढ़ाई शुरू करने से ठीक पहले कुछ मिनटों के लिए किसी भी सरल ध्यान का अभ्यास करें। प्रार्थना आपके मन को एकाग्र करने में भी मदद करती है।स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें,स्वस्थ सात्विक ताजा भोजन गृहण करें ,पर्याप्त तरल पदार्थों से अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेट करें,परीक्षा समय मे गुणवत्तापूर्ण आराम और नींद महत्वपूर्ण है । 

तनाव दूर करने वाले प्राणायाम -:

आपका श्वास और मन एक-दूसरे से जुड़े हैं। जब भी आप तनाव या चिंता महसूस करें, तो आप प्राणायाम का अभ्यास करें - खासकर भ्रामरी प्राणायाम का। यह किसी भी समय किया जा सकता है ।जब आप अपने श्वास को नियंत्रण में लेकर आते हैं, तो आपका मन भी अपने आप शांत होने लगता हैं। साथ ही भस्त्रिका का अभ्यास करें।  

मुद्राएं है महत्वपूर्ण -: 

कुबेर और श्वसनी मुद्रा पर बात करेंगे।

कुबेर मुद्रा

ऐसे करें : मध्यमा, तर्जनी उंगली और अंगूठे के शीर्ष को मिलाएं। अनामिका और कनिष्ठा को मोड़कर हथेली से लगा लें।

कितनी देर : आधा-आधा घंटा 2 बार। पढ़ाई करने के दौरान भी इस मुद्रा को बनाकर रखा जा सकता है । 

श्वसनी मुद्रा -: 

ऐसे करें : कनिष्ठा और अनामिका उंगलियों के शीर्ष को अंगूठे की जड़ से लगाएं। मध्यमा उंगली को अंगूठे के शीर्ष से मिलाएं। तर्जनी को बिल्कुल सीधी रखें।

कितनी देर : 5-5 मिनट पांच बार।

लेखक -: 
योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी 
असिस्टेंट प्रोफेसर रबिन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल 

(लोकप्रिय पुस्तक "योग एवं ध्यान द्वारा तनाव प्रबंधन" के लेखक है )