योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी के आह्वान पर देशभर में 8 लाख 82 हजार 609 सूर्य नमस्कार
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★ देश ने समय से पूर्व ही हासिल किया 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का लक्ष्य
आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत पूरे देश में कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है । आयुष मंत्रालय भारत सरकार ,नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन ,मध्यप्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा 21 दिन में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का लक्ष्य रखा गया ।
अभियान के द्वारा 1 जनवरी 2022 से 20 फरवरी 2022 तक 75 करोड़ सूर्यनमस्कार का लक्ष्य हासिल करना था लेकिन देश ने समय के पूर्व ही 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का लक्ष्य पूर्ण कर लिया है । अभी तक पूरे देश में 100 करोड़ से अधिक सूर्यनमस्कार किये जा चुके है।
चुकी कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए सामुहिक एकत्रितकरण का कोई कार्यक्रम नही किया जा सकता था । इसे ध्यान में रखकर नागरिकों को अपने ही घर से सूर्य नमस्कार करते हुए ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल होना था । योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी ने अपने युट्यूब चैनल से एक वीडियो प्रसारित कर अभियान में शामिल होने के लिए नागरिकों से आह्वान किया था । योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी के आग्रह पर देशभर के 3 हजार 233 नागरिको ने अपना व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन पूर्ण किया एवं 21 दिन तक नियमित सूर्य नमस्कार किये । प्रत्येक नागरिक को एक दिन में 13 सूर्यनमस्कार एवं 21 दिन में कुल 273 सूर्यनमस्कार पूर्ण करने थे जिसकी इंट्री उन्हें 75 करोड़ सूर्यनमस्कार की अधिकृत बेबसाइड पर दर्ज करना था । 21 दिन पूर्ण होने ही प्रतिभागियों को एक सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है । योगगुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी के आह्वान पर शामिल 3 हजार 233 नागरिकों ने नियमित 13 सूर्यनमस्कार करते हुए 21 दिन में कुल 8 लाख 82 हजार 609 सूर्य नमस्कार पूर्ण कर 75 करोड़ सूर्यनमस्कार अभियान में अपनी सहभागिता दर्ज की । योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि बताया कि कि सूर्य नमस्कार एक तरह का योग व्ययाम है, जिससे पूरे शरीर को लाभ मिलता है। इसके अभ्यास से फेफड़ों के अंदर शुद्ध हवा का प्रवेश होता है। इसके नियमित अभ्यास से रोग तो दूर भागते ही है, चेहरे पर भी चमक आती है, संपूर्ण शरीर मजबूत होता है। सूर्य नमस्कार के 12 चरणों का नियमित अभ्यास करने से मस्तिस्क सक्रिय व एकाग्र बनता है। उन्होंने आग्रह किया कि अभियान के बाद भी नियमित सूर्य नमस्कार करना है । इसे अपनी दिनचर्या के अनिवार्य अंग बनाकर हम जीवन पर्यंत स्वस्थ्य रह सकते है ।