सूर्य नमस्कार का विरोध भारतीय संस्कृति का अपमान है -: योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी
आजादी की 75 वी वर्षगांठ के अवसर पर देश भर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है । जिसमे 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का लक्ष्य रखा गया है । देश के इस विराट आयोजन का कुछ देश विरोधियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है ।
चंद घृणित मानसकिता के लोग फतवे द्वारा देश का माहौल खराब करना चाहते है । मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे वेवजह के फतवे जारी करने और वेवजह के देश विरोधी बयानों पर जेल होना चाहिए । योग और धर्म को अलग-अलग रखा जाना चाहिए । ऐसे लोग मुस्लिमों के स्वास्थ्य के दुश्मन है । सूर्य का कोई धर्म नही होता वो बिना भेदभाव के सबको समान ऊर्जा, रोशनी प्रदान करते है । कुछ अनपढ़ जाहिलो ने उन्हें भी धर्म से जोड़ दिया । नेताओ को नमस्कार करने में इन फतवा देने वालो को दिक्कत नही है लेकिन सूर्य को नमस्कार से इन्हें परहेज है । योग तो हमारी भारतीय संस्कृति है, इसे गर्व से अपनाना चाहिए और अगर किसी को योग करते समय मंत्र नहीं पढ़ना है तो इसके लिए वो बाध्य नही है । आप मंत्रोच्चारण के साथ ही योग करें ऐसा कही नही लिखा है । जिस तरह कोरोना काल मे मुस्लिमो ने आयुर्वेद को अपनाया क्योकि दवा या औषधि का कोई धर्म नही होता ठीक उसी प्रकार योग ओर सूर्य नमस्कार का भी कोई धर्म नही है । सूर्य नमस्कार 12 योग आसानो का समावेश है । एक वैज्ञानिक रिसर्च है एक सामान्य भार के व्यक्ति के लिए एक सूर्य नमस्कार के समय 13.9 कैलोरी ऊर्जा का उपयोग होता है। 30 मिनट सूर्य नमस्कार करना किसी भी व्यायाम से ज्यादा प्रभावशाली होता है । क्योकि 30 मिनट सूर्य नमस्कार करने पर लगभग 417 कैलोरी का उपयोग होता है ।
सूर्य नमस्कार का विरोध करने वालो एक पल भी सूर्य के बिना जिंदा नही रह सकते । सूर्य की रोशनी लेना भी बन्द कर देंगे तो जीवन ही खत्म हो जाएगा । जीवन देने वाले सूर्य का विरोध तो ठीक उसी प्रकार है जैसे जिस थाली में खाना खाया हो उसी में थूक दिया जाए ? हम भारतीय तो प्रकृति की पेड़ पौधों की भी पूजन करते है तो यह फतवे वाले ऑक्सीजन लेना बंद करके दूसरे ग्रह पर बस जाएंगे क्या । हम नदियों की पूजन करते है तो कल से पानी पीना भी छोड़ दो ।
जो गरीब मुस्लिम है जो खुद के इलाज महेंगे अस्पताल में नही करवा सकता । योग के माध्यम से वो स्वयं को अस्पतालों से दूर रख पाता है। इनकीं रुढीवादी सोच से वो लोग खुलकर योग नही अपना पाते उन्हें छुपकर योग करना पड़ता है । अच्छे कामो का विरोध करना गलत है। देखिए मुस्लिम वर्ग ही अब खुलकर इन लोगो के खिलाफ आक्रमक बयान दे रहा है । योग को दुनिया ने अपनाया है अनेक इस्लामिक देशों ने अपनाया है । क्या वो लोग कुरान नही जानते ? कोरोना से संक्रमित हुए अनेक मुस्लिमों को ऑनलाइन योग क्लास के माध्यम से योगाचार्यो ने ठीक किया है तब क्यो नही यह फतवे देने वाले मुस्लिमो की मदद करने आगे आये ? तब कहाँ मुहं छुपाकर बैठे थे । देश विरोधी तत्वों का खुलकर विरोध करना होगा । ऐसे लोग देश की एकता एवं अखंडता के लिए घातक है ।
योग गुरु डॉ.मिलिन्द्र त्रिपाठी
प्रदेश अध्यक्ष मध्यप्रदेश योग संघ, सचिव उज्जैन योग संघ ,प्रदेश अध्यक्ष नेशनल योग टीचर कौंसिल ,प्रदेश मीडिया प्रभारी मध्यप्रदेश योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन