हाई बीपी के लिए योग (हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप) Yoga for High Blood Pressure

हाई बीपी के लिए योग (हाई ब्लड प्रेशर, उच्च रक्तचाप) Yoga for High Blood Pressure -: 


लेखन एवं संकलन - योगाचार्य पं. मिलिन्द्र त्रिपाठी (M.Sc yoga therapy )

फोटो - योग नेशनल खिलाड़ी आयुषी गुप्ता (M.A yoga )


हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल युवाओं में भी देखी जा रही है।जर्नल ऑफ हाइपरटेन्शन की 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार 29.3% भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। 
खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। इस समस्या को कंट्रोल में करने के लिए योग काफी मदद कर सकता है। गुस्सा हर किसी को आता है । कुछ लोगों को गुस्सा इतना ज्यादा आता है कि उनका ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाता है । हापरटेंशन आज के समय में एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है । इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसके उपचार के लिए यदि आप डॉक्टर से सलाह लेते हैं तो डाक्टर आपको ढ़ेर सारी दवाइयां पकड़ा देते हैं। इन दवाइयों से आपको थोड़े समय के लिए तो राहत महसूस होती है लेकिन ये दवाइयां आपकी बीमारी का स्थायी समाधान नही हैं। इन दवाओं से आपको हमेशा के लिए आराम नही मिलता है बल्कि ज्यादा समय तक दवाओं के प्रयोग से इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं।शरीर और दिमाग़ को आराम न मिलने पर सबसे ज़्यादा तनाव और हाई बीपी होने का ख़तरा होता है। 
मोटापा भी हाई बीपी का प्रमुख कारण है। न तो उच्च (high) और न ही निम्न (low) रक्तचाप शरीर के लिए अच्छा है। सबसे ज़्यादा ज़रूरी है शरीर का संतुलित रहना। आप कैसे उच्च और निम्न रक्तचाप को संतुलित कर सकते हैं ? ये सवाल करोड़ो लोगो के दिमाग में आता है। इस सवाल का जवाब है योगासन । योगासन के माध्यम से आप ब्लड प्रेशर को संतुलित रख सकते है । 

हाई बीपी के लक्षण -: 
-बार-बार सिरदर्द हाई ब्लड प्रेशर का लक्षण हो सकता है.
- मानसिक तनाव की स्थिति बनी रहने के कारण भी ब्लड प्रेशर हाई होना शुरू हो जाता है. 
- नसों में झनझनाहट महसूस होना भी आपके ब्लड प्रेशर से जुड़ा हुआ हो सकता है. ऐसे में डॉक्टरी सलाह जरूर लें.
- अचानक से ब्लड प्रेशर हाई होने पर मिलती हो सकती है.
- हाई ब्लड प्रेशर होने पर कार्डियोवास्‍कुलर सिस्‍टम में उतार-चढ़ाव होता है. 
- बीपी बढ़ जाने पर सांस लेने में परेशानी महसूस हो सकती है.

वज्रासन-:  इस योग को दोपहर या रात के खाने के बाद भी कर सकते हैं। यह मोटापे को नियंत्रित करने में मदद करता है और निचले पेट के हिस्सों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।इससे मन शांत और पाचन तंत्र ठीक रहता है. इससे स्पाइन की हड्डियों और शरीर के निचले हिस्से का मसाज हो जाता है. इस कारण यह बहुत अच्छे नतीजे देता है.


बालासन - तनाव और थकान से राहत देता है। यह रक्त परिसंचरण को भी सामान्य रखता है।  हाई ब्लडप्रेशर से इंसान थका हुआ व चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसी स्थिति में बालासन या चाइल्ड पोज़ आपके शरीर और दिमाग से बेवजह की थकान को दूर करने मे मदद करता है। इसके अलावा यह आपके शरीर से टॉक्सिन (विषैले तत्वों) को बाहर निकालता है, जिससे आप तनावमुक्त महसूस करते हैं।


पश्चिमोत्तानासन - इसमें शरीर को आगे की ओर मोड़ा जाता है, जिससे रक्त संचार चेहरे की तरफ़ होता है. इसे करने से पेट संबंधी विकार ख़त्म हो जाते हैं । पश्चिमोत्तानासन पेट और पैल्विक अंगों की मालिश करता है और उन्हे टोन करता है।पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। यह एक प्रभावी तनाव रिलीवर के रूप में भी कार्य करता है और हाई बीपी को भी सामान्य रखता है।


अर्धमत्स्येन्द्रासन - दिल और तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद मिलती है।


बद्ध कोणासन - बद्धकोणासन एक अन्य आसन है जो कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह आसन रक्त परिसंचरण को भी बढ़ाता है और सिस्टम को डिटॉक्स करने में मदद करता है।  इस तरह यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित और नीचे लाने में भी मदद करता है। दिल को उत्तेजित करता है और पूरे शरीर में रक्त के बेहतर परिसंचरण को पहुंचाता है। यह तनाव और घबराहट से भी राहत देता है।यह एक महान तनाव निवारक है जो उच्च रक्तचाप में इसे और भी प्रभावी बनाता है   


जानुशीर्षासन - 
जानुशीर्षासन योग उच्च रक्तचाप के लिए एक चिकित्सीय मुद्रा है। यह पाचन में सुधार कर सकता है और मस्तिष्क को शांत कर सकता है। इसके अलावा यह आसन रीढ़, कंधे, पैरों के पिछले हिस्से और कमर को फैलाता है। इस आसन में अपने पैरों पर माथे को लगाने में थोड़ी कठिनाई भले हो सकती है क्योंकि आप सुपर फ्लेक्सिबल नहीं हैं पर यह वास्तव में फायदेमंद आसन है।


वीरासन - पैरों के चारों ओर रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए वीरासन योग या हीरो पोज़ एक अद्भुत आसन है। यह आसन करने में काफी सरल है फिर भी अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली है। यह रक्तचाप को सामान्य करने में बेहद फायदेमंद है। यह छाती को खोलता है और आपके शरीर के प्रत्येक क्षेत्र में उचित रक्त प्रवाह सुनिश्चित करता है। 

सेतुबंधासन - सेतु बंधासन या ब्रिज पोज़ आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को सही रखता है जो आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करता है। इससे आप खुद को तरोताजा और ज्यादा एक्टिव महसूस करते हैं। गुर्दे को मजबूत और तंत्रिका तंत्र में संतुलन बनाये रखता है। यह शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

अर्ध हलासन - अर्ध हलासन करने से जांघों, पेट और कूल्हों में वसा कम होती है। हाई बीपी को नियंत्रित करने में मदद करता है।


सुखासन - सुखासन करने से तनाव कम होता है। इससे शरीर और मन शांत रहते हैं।  यह उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किए जाने वाले आसनों में सुखासन एक ऐसा आसन है जिसमें आपके दिल पर ज्यादा जोर नही पड़ता। इस योगासन में आप मानसिक और शारीरिक रूप से एकदम आराम की मुद्रा मे होते हैं।


अधो-मुखश्वनासन :
अधो-मुखश्वसनासन को डाउनवर्ड फेसिंग डाग एक्सरसाइज भी कहते हैं। आपके कंधों और पीठ से लेकर कमर तक पूरे पिछले हिस्से में होने वाले तनाव और थकान को कम करने के लिए बहुत ही अच्छा आसन है। और आप जितना ज्यादा तनाव और थकान मुक्त होते हैं ब्लड प्रेशर का खतरा उतना ही कम होता है।


भुजंगासन -: 
यह आसन भुजंगासन के रूप में भी जाना जाता है, कोबरा मुद्रा आपके शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाती है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार होता है। यह मुद्रा अस्थमा रोगियों के लिए अच्छी है और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इन सब के अलावा, तनाव दूर करने के लिए यह एक अच्छा मुद्रा है।


उत्तानासन -: 
उत्तानासन योग एक एंटी-ग्रैविटी पोज़ है, जो सिर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करता है और उस पर अच्छा प्रभाव भी डालता है। इस आसन को करने से रक्त प्रवाह नियंत्रित होता है, तो शरीर शांत हो जाता है, हृदय गति स्थिर हो जाती है, और रक्तचाप सामान्य हो जाता है। 


शवासन - तनाव, अवसाद और थकान से राहत देता है। यह शरीर को आराम और अच्छी नींद देने में बहुत ही सहायक है। यह रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है।



उच्च रक्तचाप के लिए कुछ फायदेमंद प्राणायाम यहां दिए गए हैं -

प्राणायाम सांस की गति और रक्त संचार को सामान्य करता है। दिल का सांस और रक्त संचार से गहरा संबंध होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को नाडीशोधन प्राणायाम और उज्जकयी प्राणायाम (इससे ब्लड प्रेशर कम होता है) करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम आपकी चिंता और हार्टबीट को कम करता है।

भस्त्रिका प्राणायाम - शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाता है, इस प्रकार रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। यह तनाव और हाई बीपी से राहत देता है।

कपालभाति प्राणायाम - पेट में जमी वसा को दूर करने में मदद करता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर कम होता है।
भ्रामरी प्राणायाम - यह प्राणायाम में शरीर में ऐसी कंपन पैदा होता है कि इसको करने से शरीर और मन को आराम मिलता है। यह तनाव और चिंता से राहत देता है और हाई बीपी को संतुलित रखने में मदद करता है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम - यह एक शांत और शक्तिशाली प्राणायाम है। यह आपकी धमनियों में काफी हद तक रुकावटों को दूर करने में मदद कर सकता है। यह मस्तिष्क तक रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।

पूर्ण योगिक श्वास - आपको धीरे धीरे साँस लेने में मदद करता है। यदि आपकी हृदय गति बहुत तेज है, तो यह तकनीक हृदय गति को धीमा कर देती है। यह आपके पूरे शरीर को आराम देता है।


नोट: योग आसन को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें। अपनी मेडिकल कंडीशन व हिस्ट्री के बारे में भी योगा ट्रेनर को पहले बताना बेहतर होगा ताकि वह आपको सही तरह से गाइड कर सकें।)

(उक्त लेख के किसी भी हिस्से को एवं प्रयुक्त फोटो को लेखक की सहमति के बिना कॉपी करना गैरकानूनी है ,कॉपी करने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी )



फोटो - योग नेशनल खिलाड़ी आयुषी गुप्ता (M.A yoga )

लेखन एवं संकलन - योगाचार्य पं. मिलिन्द्र त्रिपाठी (M.Sc yoga therapy )