शुगर के लिए योग , शुगर कंट्रोल के लिए योग , डाइबिटीज कंट्रोल के लिए योग , मधुमेह के लिए योग , शुगर को ठीक करने के लिए योग , shugar ke liye yog , yoga for Diabetes (Sugar)
धीमी मौत मधुमेह (शुगर) का योगासन के माध्यम से उपचार -:
लेखन एवं संकलन - योगाचार्य पं. मिलिन्द्र त्रिपाठी (M.Sc yoga therapy )
फोटो - योग नेशनल खिलाड़ी आयुषी गुप्ता (M.A yoga )
भागदौड़ भरी जिंदगी के साथ कुछ रोग भी हमे मिलें है । जिनमे से प्रमुख है शुगर जिसे
डायबिटीज ,मधुमेह ,शक्कर की बीमारी के नाम से जाना जाता है ।
समाज में डायबिटीज की परेशानी तेजी से पैर पसार रही है। बदलते लाइफस्टाइल, व्यायाम में कमी और गलत खान-पान की आदतों की वजह से लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार 7 करोड़ से ज्यादा भारतीय इस बीमारी से जूझ रहे हैं। शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी या उसके निर्माण में अनियमितता के कारण डायबिटीज होती है। वजन में कमी आना, अधिक भूख प्यास लगना, थकान, बार-बार संक्रमण होना, देरी से घाव भरना, हाथ-पैरों में झुनझुनाहट ये सभी डायबिटीज के लक्षण हैं।
योग डायबिटीज को मैनेज करने में मदद कर सकता है । यह इंसुलिन के उत्पादन में सुधार करता है और रक्त शर्करा या ब्लड शुगर लेवल को कम करने भी सहायक हो सकता है । योग का डायबिटीज रोगियों के जीवन पर बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।योग एक डायबिटिक के जीवन में कई बदलाव ला सकता है और ऐसे लोगों को डायबिटीज और डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं का शानदार प्रबंधन करने में मदद कर सकता है । आप योग के माध्यम से अपने ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycaemic Index) को नियंत्रित कर सकते हैं ।डायबिटीज की समस्या होने पर ब्लड सेल्स शरीर में उत्पन्न इन्सुलिन पर प्रतिक्रया देना बंद कर देते हैं। लेकिन नियमित रूप से योग करने से शरीर इन्सुलिन के लिए प्रतिक्रया देना शुरू कर देता है जिससे ब्लड ग्लूकोज को कम करने में मदद मिलती है।यदि आपने समय पर शुगर पर ध्यान नही दिया तो कई बीमारियों जैसे क्रोनिक किडनी की विफलता, आंखों को नुकसान, हृदय रोग, स्ट्रोक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।परन्तु अच्छी बात यह है कि अगर आप वक्त रहते इस पर ध्यान देते हैं तो आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। अगर आप शुगर की बीमारी के शिकार हों तो घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आज इस पर बहुत अधिक शोध हो चुका है। रिसर्च ने दिखाया है कि इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और ईमानदारी से जीवन शैली में बदलावों से काफी सुधार लाया जा सकता है ।
रिसर्च में देखा गया है कि व्यायाम नही करने वालो को या शारिरिक क्रियाशीलता के अभाव में शुगर की बीमारी होती है । शुगर से छुटकारा पाने के लिए तनावग्रस्त जीवन शैली में परिवर्तन लाना बेहद जरुरी है । जेनेटिक भी यह बीमारी हो सकती है ऐसे लोग भी योग के माध्यम से सुधार कर सकते है । अनेकों शुगर के मरीज योग के माध्यम से खुशहाल जीवन जी रहें है । बस आवश्यकता है नियमित योगाभ्यास की आइये जानते है शुगर को ठीक करने में कौनसे आसानो से हमे रोज की दोस्ती करनी है । लेकिन याद रहें उचित योग ट्रेनर की देखरेख में एवं सांवधानियों का पालन करते हुए ही अभ्यास करें । अपने योग ट्रेनर को अपनी बीमारियों से अवगत करें उसके बाद ही उनकी सलाह से अभ्यास करें ।
1. मंडूकासन -:
मंडूकासन करते समय शरीर की आकृति मंडूक अर्थात् मेंढक के सामान लगती हैं, इसलिए इसे मंडूकासन नाम दिया गया है। पेट के लिए अत्यंत ही लाभयादयक इस आसन से अग्नयाशय सक्रिय होता है जिसके कारण डायबिटीज के रोगियों को इससे लाभ मिलता है। इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम दंडासन में बैठते हुए वज्रासन में बैठ जाएं फिर दोनों हाथों की मुठ्ठी बंद कर लें। मुठ्ठी बंद करते समय अंगूठे को अंगुलियों से अंदर दबाइए। फिर दोनों मुठ्ठियों को नाभि के दोनों ओर लगाकर श्वास बाहर निकालते हुए सामने झुकते हुए ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद वापस वज्रासन में आ जाए।
2. सूर्य नमस्कार -:
शुगर (डायबिटीज) के लिए ये योगासन सबसे आसान और लाभकारी है। इस योगा को करने से रक्त का संचार शरीर में अच्छे से होता है। इस आसन को एक मिनट में 4 बार आराम-आराम से करना चाहिए।
3. सेतुबंधासन
यह आसन डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है. यह न स़िर्फ ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है, बल्कि मन को शांति और सुकून देता है. इसे नियमित करने से पाचनतंत्र ठीक रहता है. गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन पीरियड में आराम दिलाता है.
4. बलासन
डायबिटीज़ को जड़ से समाप्त करनेवाला यह आसन बच्चों की मुद्रा नाम से भी जाना जाता है. इससे सारा तनाव और थकान दूर हो जाती है. यह स्पाइन, जंघा और टखनों की स्ट्रेचिंग करता है. इससे तनाव और थकान से राहत मिलती है. लोअर बैक पेन में भी यह सहायक है.
5. वज्रासन
यह बेहद सरल आसन है जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को ज़रूर आज़माना चाहिए. इससे मन शांत और पाचन तंत्र ठीक रहता है. इससे स्पाइन की हड्डियों और शरीर के निचले हिस्से का मसाज हो जाता है. इस कारण यह बहुत अच्छे नतीजे देता है.
6. सर्वांगासन
डायबिटीज़ में फ़ायदेमंद यह आसन वस्तुतः थायरॉइड ग्रंथि का कामकाज दुरुस्त करता है. थायरॉइड की ग्रंथियां पूरे शरीर की ऐक्टिविटीज़ सही रखती हैं. इस आसन से पाचन तंत्र, नर्वस सिस्टम और ब्रीदिंग सिस्टम अच्छा रहता हैं. यह स्पाइन को भी मज़बूत करता है.यह योगा करने से गले के आसपास पाई जाने वाली थॉयराइड और पैराथाइराइड ग्रंथियों ( मोटापा, प्रोटीन और कार्बोहाइडेट मेटाबोलिज्म के लिए उत्तडरदायी ग्रंथियां) को मजबूती मिलती है। साथ ही इस आसन को करने से ग्रंथियों में रक्तसंचार सुचारु हो जाता है।
7. हलासन
इस आसन को डायबिटीज़ के लिए इसलिए अनुकूल माना गया है, क्योंकि यह लंबे समय तक बैठनेवालों के लिए फ़ायदेमंद है. यानी पोस्चर संबंधी समस्या के लिए यह वरदान है. यह गले की ग्रंथि, फेफड़ों और दूसरे अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार तेज़ी से होता है.हलासन संस्कृत के दो शब्दों हल और आसन से मिलकर बना है। जिन लोगों को डायबीटिज की शिकायत उन्हें हलासन का नियमित अभ्यास करना चाहिए।
8. धनुरासन
जिन्हें लंबे समय से डायबिटीज़ की शिकायत हो, उनके लिए यह आसन कारगर है. इससे पीठ और रीढ़ की बहुत अच्छी एक्सरसाइज़ हो जाती है. इसे नियमित करनेवाले हमेशा तनावमुक्त रहते हैं. यह क़ब्ज़ से राहत दिलाता है । यह आसन डायबीटिज के पेशेंट्स के लिए बहुत लाभदायक है। रोजाना इसकी प्रेक्टिस करने से पैंक्रियास उत्तेजित होता है और इन्सुलिन के स्राव में मदद मिलती है जो शुगर को संतुलन बनाए रखने में सहायक है। यह डायबिटीज टाइप1 और डायबिटीज टाइप 2 दोनों में फायदा पहुंचाता है।
9. चक्रासन
डायबिटीज़ को हमेशा के लिए ख़त्म करनेवाला यह आसन रीढ़ की स्ट्रेचिंग और पीठ के टिश्यूज़ को रिलैक्स करने में कारगर होता है. इस आसन को बिना नागा किए रोज़ाना करने से दिमाग़ को बहुत सुकून मिलता है और जीवन तनाव-मुक्त रहता है.
10.पश्चिमोत्तासन
यह आसन डायबिटीज़ और ब्लडप्रेशर के लिए बहुत कारगर माना जाता है. इसमें शरीर को आगे की ओर मोड़ा जाता है, जिससे रक्त संचार चेहरे की तरफ़ होता है. इसे करने से पेट संबंधी विकार ख़त्म हो जाते हैं । पश्चिमोत्तानासन पेट और पैल्विक अंगों की मालिश करता है और उन्हे टोन करता है। इस लिए या मधुमेह से पीड़ित लोगों की मदद करता है। यह योग मुद्रा शरीर में प्राण को संतुलित करने और मन को शांत करने में भी मदद करती है। इस आसन को 1 मिनिट के लिए करें।
11. अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस आसन को डायबिटीज़ ठीक करनेवाले आसन की कैटेगरी में इसलिए भी रखा गया है, क्योंकि यह आसन विशेष रूप से फेफड़ों की सांस लेने और ऑक्सीजन ज़्यादा समय तक रोकने की क्षमता बढ़ाता है. यह स्पाइन को आराम देता है. पीठदर्द या पीठ संबंधी दूसरी समस्यों से निजात दिलाता है.
12 शवासन -:
शवासन में आप आराम की स्तिथि में होते हैं। इस लिए यह आपका तनाव कम करता है जिस से शुगर (मधुमेह) के स्तर को कम करने में भी लाभ होता है। इस आसन को भी 5-10 मिनिट के लिए करें।
1.कपालभाती प्राणायाम -:
गहरी सांस लेने और छोड़ने से रक्त संचार दुरुस्त रहता है. इससे नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है, जिससे अमूमन दिमाग़ शांत रहता है. इसलिए हर किसी को सुबह फ्रेश होने के बाद पद्मासन मुद्रा में बैठकर प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है । कपालभाती प्राणायाम तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को सक्रिय करने में मदद करता है और मस्तिष्क कोशिकाओं को फिर से जीवंत करता है। यह मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह पेट के अंगों को उत्तेजित करता है। यह प्राणायाम रक्त परिसंचरण में भी सुधार लाता है और मन को शांत भी करता है। कपालभाती प्राणायाम 1-2 मिनिट के लिए करें और जैसे अभ्यास बढ़ने लगे, इसे ज़्यादा देर कर सकते हैं।
(उक्त लेख के किसी भी हिस्से को एवं प्रयुक्त फोटो को लेखक की सहमति के बिना कॉपी करना गैरकानूनी है ,कॉपी करने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी )
फोटो - योग नेशनल खिलाड़ी आयुषी गुप्ता (M.A yoga )
लेखन एवं संकलन - योगाचार्य पं. मिलिन्द्र त्रिपाठी (M.Sc yoga therapy )