योग एवं जिम में क्या बेहतर है l Differences and Benefits Of Gym Vs. Yoga.


योग और जिम में योग क्यों बेहतर है -: 
Differences and Benefits Of Gym Vs. Yoga.

लेखक योगाचार्य पं.मिलिन्द्र त्रिपाठी (M.Sc Yog )

ऐसा माना जाता है कि पहला सुख निरोगी काया है और एक निरोगी काया के लिए स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है । लेकिन बड़ा सवाल आता है कि दैनिक जीवन मे ऐसा क्या किया जाए जिससे शरीर को स्वास्थ्य रखा जा सकें ? अधिकांश व्यक्ति समझ नहीं पाते कि उनके लिए क्या ज्यादा फायदेमंद है, जिम या योगा? इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए इस लेख में हम आपको संग्रहित रूप में बता रहें है क्या बेहतर है ? यदि आप कोई बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले हो ,मॉडल या फ़िल्म लाइन में है । तब तो जिम जाना आपके लिए अतिआवश्यक है । क्योंकि इन क्षेत्रों में दिखावे के शरीर की ज्यादा मांग होती है । लेकिन यदि आप सामान्य जीवन जीते है तब आपके  लिए योग ही पर्याप्त है । कुछ नए स्वास्थ्य प्रेमियों ने मुझसे कहाँ की दोनों भी तो एक साथ किये जा सकते है । सुबह योग शाम को जिम इससे दोनों के फायदे मिल जायेंगे । वास्तव में ऐसा संभव नही । ऐसा इसलिए है क्योंकि दोनों को बहुत समय और ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके बाद एक व्यक्ति पूरी तरह से थका हुआ महसूस करता है और उसे आराम की आवश्यकता होती है। इसलिए यह अनुशंसा की जाती है कि वो दोनों में से एक को चुने । बड़े बड़े बॉडी बिल्डर अपने स्वयं के हाथ को स्वयं की पीठ पर नही ले जा सकते । क्योकि उनका शरीर कड़क हो जाता है । लेकिन योगिक व्यक्ति अपने शरीर को हर एंगल में घुमा सकता है । उसका शरीर लचीला होता है । जब जिम बनाम योग की बात आती है, तो आपको केवल एक ही चुनना होगा |योगिक शरीर और जिम वाले शरीर के बीच हमेशा बहुत अंतर होगा। योगिक शरीर दुबला और लचीला होगा जबकि एक जिम वाला शरीर मांसपेशी में वृद्धि लाता है पर वह लचीला नहीं होता । दिखावे की बात की जाए तो पहली नजर में जिम वाला शरीर आकर्षण का केंद्र होगा । लेकिन आकर्षक शरीर पूर्ण स्वास्थ्य होने की ग्यारंटी बिल्कुल नही है । जिम में सिर्फ बाहरी शरीर पर कार्य किया जाता है । योग ब्राह्य शरीर के साथ साथ आंतरिक शरीर और भावनात्मक रूप से भी मजबूती प्रदान करता है । 
जिम की एक्सरसाइज करने के बाद आप थका हुआ महसूस करेंगे, लेकिन योग के आसन करने के बाद आप खुद को पहले से कहीं ज्यादा तरोताज महसूस करेंगे। 
जिम जाना छोड़ देने के बाद यह बनावटी हार्डनेस व्यक्ति को वक्त से पहले बुढ़ा बना देती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों का दर्द बढ़ने लगता है। माँस-पेशियों में खिंचाव की समस्या से लड़ना पड़ता है। योग का शरीर लचीला और सॉफ्ट होता है। इसे अतिरिक्त भोजन की आवश्यकता नहीं होती और यह सभी तरह के रोग से बचने की क्षमता रखता है। योग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । लगातार योग करने के बाद योग छोड़ भी देते हैं तो इससे शरीर में किसी भी प्रकार का ढलाव नहीं आता ।जिम का शरीर हवा नुमा गुब्बारे के समान होता है जिम छोड़ते ही गुब्बारा पिचक जाता है शरीर निढाल दिखने लगता है । जिम में आप ज्यादा वजन उठाते हैं जिससे जोड़ों पर दबाव पड़ता है और चोट भी लग सकती है। योगा में आप शरीर को एक मुद्रा में स्थिर रखते हैं इसलिए शरीर अगली मुद्रा के लिए तैयार रहता है। वहीं योग के लिए कोई मशीनों की जरूरत नहीं होती है ।आप योगा को घर पे, बाहर या फिर छोटी सी जगह में भी कर सकते हैं। योगा के लिए आपको केवल 6 फ़ीट बाय 4 फ़ीट जगह चाहिए। जिम में ज्यादा जगह और ज्यादा उपकरण चाहियें होते है । 
योग का नियमित अभ्यास करने से शरीर में लचीलापन आता है। यह एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन जीने में मदद करता है। योगा तनाव को कम करने के लिए लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता है। यह आपको मानसिक शांति देकर तनाव और चिंता को कम करता है।  जिम आपको शारीरिक रुप से फिट तो रखता है लेकिन इसमें स्ट्रेस बस्टर गुण नहीं होते। जबकि योग में  कैंसर, अस्थमा और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।वहीं योग के लिए कोई मशीनों की जरूरत नहीं होती है। योग करते समय आप आसानी से या नियंत्रित सांस ले सकते हैं। लेकिन जिम में व्यायाम करते समय आप तेजी से सांस लेते हैं।तनाव के समय हम ठीक प्रकार से सांस नहीं लेते हैं और लेते हैं तो भी उथले सांस लेते हैं। गहरी सांस के बिना सही तरह सोचा नहीं जा सकता है। योगा में हम सांस को महत्व देते हैं और जिससे जरूरत के समय हम गहरी सांस ले पाते हैं।
जिम में एक दूसरे से ज्यादा व्यायाम करने की प्रतिद्वंदीता, गानों की तेज आवाज और चमकती लाइट्स आपके तनाव को बढ़ा सकती हैं। जबकि योग में ऐसा वातावरण नही होता । आपसी प्रेम का वातावरण योग साधकों में बना रहता है । 
योगा कोई भी कर सकता है । बुजुर्ग एवं बीमार जन योग कर सकते है जबकि जिम केवल कुछ उम्र तक ही संभव है । कम उम्र में जिम शुरू करने से हाइट की बढ़ोतरी रुकने का डर बना रहता है । जबकि योग आपकी रुकी हाइट को बढ़ाता है । जिम में किया गया वर्क आउट केवल शारीरिक रूप से ठीक हैं इसके मानसिक और आत्मिक फायदे बिल्कुल नही हैं।
योगा आत्म-विश्वास भी बढ़ाता है। जिम क्लासेज में यदि आप अच्छा नहीं कर पाते हैं तो आपका आत्म-विश्वास डगमगा जाता है।मसल्स को टोन करने और बिल्ड करने के लिए जिम से आपको जल्दी परिणाम मिलते हैं बल्कि योगा परिणाम देने में अधिक समय लेता है। लेकिन प्राप्त परिणाम स्थायी रहने की प्रकृति योग में रहती है । जिम छोड़ते ही प्राप्त परिणाम तेजी से कम हो जाते है ।
जिम की मशीन आपके हर बॉडी पार्ट पर असर दिखाये यह आवश्यक नही लेकिन योग सर के बाल से लेकर पैर के नाखून तक शरीर के हर अंग पर अपना असर दिखाता है । सालों जिम करने वालो के अनुभव बुढापे में बहुत अधिक खराब रहें है उम्र बढ़ने के बाद उन्हें जोड़ो के दर्द की गम्भीर समस्या बनी रहती है । लेकिन योग करने से बुढापा स्वयं आपसे दूर हो जाता है । जिम में डाइट के तौर पर आपको मांसाहार की सलाह ज्यादा दी जाती है जिसने कभी मांसाहार का सेवन नही किया है ऐसे व्यक्ति के लिए यह भावनात्मक उत्पीड़न के समान होता है । जबकि योग आपको शाकाहारी बनाने पर जोर देता है । जिम जाने पर लिए जाने वाले पाउडर आपको किडनी की गम्भीर बीमारीयों ,कब्ज को गम्भीर बीमारी की तरफ ले जाते है । जबकी योग में अंकुरित आहार ,फल सब्जियां ,ऋतू अनुसार भोजन पर जोर दिया जाता है । जिम में एसी के अंदर बंद कमरे में वर्क आउट किया जाता है जो शरीर के लिए घातक होता है । योगा खुले वातावरण में किया जाता है यह आपको प्रकृति के निकट लाता है । सबसे महत्वपूर्ण कारण जिम आपकी बीमारियों को ठीक नही कर सकता योग आपकी बीमारी ठीक कर सकता है साथ ही यदि आप स्वस्थ्य हैं तो आपको जीवन पर्यंत स्वस्थ्य रहने की ग्यारंटी प्रदान करता हैं ।


लेखक योगाचार्य पं.मिलिन्द्र त्रिपाठी (M.Sc Yog )